Wednesday 7 February 2018

जुदा...



लो जुदा हुई अपनी राहें
तू अपने, मैं अपने रस्ते
भूल जा कल के क़िस्सों को
अल्फ़ाज़ वहाँ नहीं बसते
ना कर हिसाब हर इक पल का
कुछ महंगे, चंद बेहद सस्ते
समेट चुनिंदा यादों को
बस भर ले तू अपने बस्ते
सफ़र है लंबा दोनो का
कट ही जाएगा, रोते-हंसते
लो जुदा हुई अपनी राहें
तू अपने, मैं अपने रस्ते…
                             (अनुराग शौरी)


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