Tuesday 30 May 2017

ख़ौफ़...



हर किसी को ख़ौफ़ है
आने वाले कल का
उस अंजाने पल का
जो शायद कभी भी ना आए
शायद ये पल ही, वो पल हो
जब साँसों की लड़ी टूट जाए
फिर भी लोग जीते हैं
उस अंजाने पल में
आने वाले कल में
आज को भुला कर
वर्तमान को रुला कर
एक ऐसी दुनिया चाहते हैं
नींव जिसकी रखी हो
आज की कब्र पर...
                        (अनुराग)



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