Saturday 18 February 2017

अल्फ़ाज़...


लबों तक जो नहीं आते
वो अल्फ़ाज़ कहाँ जाते हैं?
जिनके तारों में गीत नहीं
वो साज़ कहाँ जाते हैं?

सफ़र भी है, मंज़िल भी है
इक लंबा सा रास्ता भी
हवायें ना ख़ुशगवार बहें
पंछी परवाज़ कहाँ पाते हैं?

छोटा ही सही, इक किस्सा हो
माज़ी का एहम इक हिस्सा हो
लिखना मगर ना मुमकिन हो
बयान--अंदाज़ कहाँ जाते हैं?
                        (अनुराग)

4 comments:

  1. Dil ki baat rahay dil mein
    Lafzo'n ka kya aitbaar,
    Jo chalay gaye rooth kar...
    Vo hazar dafa mananay pe bhi kahan aatay hain

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