The Voiceless Soliloquy
Tuesday, 2 October 2018
रातें
आज अगर मैं सो जायुं
क्या जागती रातों का हिसाब होगा
टूटे तारों के सवालों का
क्या चाँद के पास जवाब होगा
लहू रिस रिस के बह गया
अब ये दिल न खाना खराब होगा
तन्हाई है मंज़ूर मुझे
गवारा न तेरा शबाब होगा
(अनुराग शौरी)
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