The Voiceless Soliloquy
Friday, 11 November 2016
दाग...
चन्दन
के
पेड़
पे
सर्प
गुलाब
के
फूल
संग
कांटे
कमल
घिरा
कीचड
में
चाँद
को
दाग
हैं
बांटे
…
कुदरत
का
मज़ाक
कहो
या
फरिश्तों
का
फितूर
ना
गुलाब
की
कोई
गलती
ना
तो
चाँद
का
है
कुसूर
…
(
अनुराग
)
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