Thursday, 14 September 2017

“उम्मीद”

“उम्मीद”

जब इंसानों की धरती पर
मानवता का ध्वज लहराएगा
जब खुशियों के अंबर पर
उल्लास का बादल छायेगा
जब हर कोई अपना मक़सद
अपनी मंज़िल पाएगा
हर आँख का सपना पूरा होगा
और हर दिल जब गाएगा
जब क्षितिज को छूने, बावला हो मन
पन्छी बन उड़ जाएगा
वो समय कभी तो आएगा
वो समय कभी तो आएगा...

                                                                                           (अनुराग शौरी)

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